लाभार्थियों को चक्कर न कटवाएँ बैंक -- डीएम दीपक मीणा 

लाभार्थियों को चक्कर न कटवाएँ बैंक -- डीएम दीपक मीणा 

गोरखपुर। जिलाधिकारी दीपक मीणा की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में आयोजित बैंकर्स की महत्वपूर्ण बैठक में सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन, बैंक लोन वितरण और विभिन्न विभागीय कार्यक्रमों की व्यापक समीक्षा की गई। बैठक के दौरान डीएम ने विशेष रूप से एसबीआई बैंक सहित सभी बैंकों को कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि सरकारी योजनाओं को समय पर लागू करना अनिवार्य है, अन्यथा देरी करने वाली शाखाओं के खिलाफ कार्यवाही की संस्तुति की जाएगी।

डीएम दीपक मीणा ने कहा कि लोन आवेदन में अनावश्यक देरी और लोगों को चक्कर लगवाने की प्रवृत्ति बंद करें। सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को संचालित करने में बैंक अपना पूरा योगदान दें, अन्यथा आए हुए पदों और संसाधनों का क्या औचित्य है? उन्होंने बैंक प्रतिनिधियों से कहा कि लाभार्थियों से अतिरिक्त दस्तावेज़ों के नाम पर परेशान करना या फाइलें लंबित रखना बिल्कुल अस्वीकार्य है। सरकार की कई योजनाएँ युवाओं, महिलाओं, किसानों और निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए जीवन बदलने का अवसर हैं। बैंक यदि बाधा बनेंगे तो योजनाओं की सफलता प्रभावित होगी।

समीक्षा के दौरान यह सामने आया कि कई बैंक शाखाओं में सरकारी योजनाओं के लोन वितरण की प्रगति बेहद धीमी है। इस पर जिलाधिकारी ने नाराज़गी जताते हुए कहा—

समय सीमा में लोन स्वीकृति अनिवार्य अपूर्ण प्रगति वाली शाखाओं से स्पष्टीकरण लिया जाएगा लाभार्थियों को बिना कारण परेशान करने पर कार्यवाही होगी। प्रत्येक योजना के लक्ष्य का मासिक मूल्यांकन किया जाए। उन्होंने लीड बैंक को निर्देशित किया कि कमजोर प्रदर्शन वाली शाखाओं के नाम चिह्नित कर रिपोर्ट तैयार की जाए और बाधाओं को तत्काल दूर किया जाए।

मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना प्रधानमंत्री मुद्रा योजना PMEGP स्टैंड-अप इंडिया NRLM (स्वयं सहायता समूह बैंक लिंकेज)किसान क्रेडिट कार्ड प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण एवं शहरी अन्य सब्सिडी आधारित कार्यक्रम है।डीएम ने कहा कि जिले में बड़ी संख्या में युवा स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं, परंतु बैंक सहयोग की कमी के कारण आवेदन लंबित होते जा रहे हैं। इसे तत्काल सुधारा जाए।

बैठक में जिला विकास अधिकारी राजमणि वर्मा परियोजना निदेशक दीपक सिंह लिड बैंक नोडल मनोज सिंह जिले के सभी बैंक शाखा प्रबंधक और प्रतिनिधि आदि उपस्थित रहे।

इन अधिकारियों ने विभागीय योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत की। कई योजनाओं में संतोषजनक स्थिति रही, जबकि कई क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता पर सहमति बनी। जिलाधिकारी ने कहा कि सरकारी योजनाएँ गरीब, किसान, महिला और युवा के हित में बनाई गई हैं। बैंक अपनी भूमिका को गंभीरता से निभाएँ और लक्ष्य समय पर पूरा करें। लाभार्थियों का सम्मान करें, उनके समय का मूल्य समझें।” उन्होंने स्पष्ट किया कि गोरखपुर को प्रशासनिक दक्षता के मॉडल रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसमें बैंकिंग प्रणाली का मजबूत होना अनिवार्य है।