शैक्षिक भ्रमण यात्रा में एम जी पब्लिक स्कूल सिधुआ के बच्चों ने जानी नेपाली संस्कृति 

शैक्षिक भ्रमण यात्रा में एम जी पब्लिक स्कूल सिधुआ के बच्चों ने जानी नेपाली संस्कृति 

देवरिया/ बुटवल/सिद्धार्थनगर। विद्यालयी जीवन में पर्यटन न केवल मनोरंजन का माध्यम है, बल्कि यह शिक्षा और व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने का भी एक सशक्त साधन है। यह विचार देवरिया जनपद के रामपुर कारखाना विकास खंड अंतर्गत ग्राम सिधुआ स्थित महात्मा गांधी जुनियर हाई स्कूल के प्रधानाचार्य कुलदीपक पाठक ने व्यक्त किए। अवसर था विद्यालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय 'देशाटन' (शैक्षिक भ्रमण) कार्यक्रम का, जिसके तहत इस वर्ष छात्र-छात्राओं ने पड़ोसी देश नेपाल के विभिन्न दार्शनिक स्थलों की यात्रा करते हुए लुंबिनी और बुटवल के प्राकृतिक सौंदर्य से छात्र छात्राए रूबरू हुए।

आपको बता दें कि पिछले वर्ष प्रदेश की राजधानी लखनऊ की यात्रा करने के बाद, इस वर्ष विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने नेपाल स्थित महात्मा बुद्ध की पावन जन्मस्थली लुंबिनी के दर्शन किए। इसके उपरांत दल ने बुटवल की वादियों में स्थित झील, झरनों और प्रसिद्ध 'फुलवारी' पार्क का भ्रमण किया। टेढ़े-मेढ़े पहाड़ी रास्तों और पहाड़ों से गिरते झरनों को देखकर बच्चे मंत्रमुग्ध हो गए और इस प्राकृतिक सौंदर्य को अपने कैमरों में कैद किया।

वहीं नेपाली संस्कृति और झूला पुल का रोमांच भ्रमण के दौरान छात्रों को नेपाल की अनूठी संस्कृति और लोक नृत्य को करीब से जानने का अवसर मिला। फुलवारी पार्क में पिकनिक मनाने आए स्थानीय लोगों के साथ विद्यालय के बच्चों ने नृत्य कर सांस्कृतिक एकता का परिचय दिया। पहली बार 'झूला पुल' पर चढ़ने का अनुभव छात्रों के लिए बेहद रोमांचक रहा। बच्चों ने वन्य जीवों, पक्षियों और रंग-बिरंगे तोतों को भी देखा। इस यात्रा के दौरान शिक्षकों और छात्रों की रही सक्रिय सहभागिता रही।

इस सफल यात्रा को संपन्न कराने में विद्यालय की शिक्षिकाओं में शकुंतला देवी, आसमा खातून और करीना खातून का विशेष योगदान रहा। यात्रा में अरबाज अंसारी, अब्दुल कादिर, अरबाज अंसारी (द्वितीय), विपिन कुमार, सानिया खातून, जावेद अंसारी, साना खातून, शकीला खातून, अफसरी खातून, सपना कुमारी, प्रिंस कुमार, सुंदर कुमार, शिवम कुमार और अरशद अली सहित अनेक छात्र शामिल रहे। सभी छात्रों ने इस यादगार यात्रा के लिए विद्यालय परिवार और अपने गुरुजनों का आभार व्यक्त किया।

प्रधानाचार्य ने अंत में कहा कि पर्यटन से बच्चों में नवजीवन का संचार होता है, इसीलिए विद्यालय परिवार द्वारा हर वर्ष इस तरह के आयोजन के लिए समय निकाला जाता है। वहीं इस यात्रा से लौटने पर अभिभावकों ने विद्यालय परिवार के इस यात्रा कार्यक्रम की सराहना की।