काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में तीन दिवसीय मालवीय स्मृति पुष्प प्रदर्शनी का हुआ शुभारंभ
वाराणसी। उद्घाटन दिनांक 25 दिसंबर को मालवीय भवन प्रांगण में प्रो. संजय कुमार, कुलगुरू, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय एवं विशिष्ट अतिथि डॉ. रवि कुमार सिंह (आई.एफ.एस.), वन संरक्षक, वाराणसी के कर-कमलों द्वारा प्रो. अरुण कुमार सिंह, कुलसचिव एवं अध्यक्ष मालवीय स्मृति पुष्प प्रदर्शनी, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, प्रो. सरफ़राज़ आलम, सदस्य सचिव, मालवीय स्मृति पुष्प प्रदर्शनी, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय तथा डॉ कल्याण बर्मन सह समन्वयक, उद्यान विशेषज्ञ इकाई की उपस्थिति में संपन्न हुआ। उद्घाटन के समय प्रो. ए. के. नेमा, छात्र अधिष्ठाता, प्रो. एस वी एस राजू, निदेशक, कृषि विज्ञान संस्थान, प्रो. एस एन संखवार, निदेशक, चिकित्सा विज्ञान संस्थान, अश्विनी कुमार देशवाल, वरिष्ठ अधिकारी (उद्यान), काशी हिन्दू विश्वविद्यालय एवं अन्य गणमान्य अधिकारी उपस्थित रहें।
इस मौके पर प्रो. सरफराज आलम, सचिव, पुष्प प्रदर्शनी ने प्रदर्शों के बारे में विस्तार से बताया कि प्रदर्शनी में मुख्य रूप से गुलदावदी के गमलें एवं फूलों के संग्रह, कोलियस, विभिन्न प्रकार के शोभाकारी पौधे एवं रंगीन पत्तियों के समूह लगाये गये है । गुलदावदी के कटे फूल, गुलाब के कटे फूल लीलीयम, जरबेरा, कारनेशन, ग्लैडियोलस, रजनीगंधा, बर्ड ऑफ़ पैराडाइज, गेंदा, गुलाब आदि पुष्पों के गमले, रिफ़्लेक्सड, इनकर्वड, इनकर्विंग, स्पाइडर, पोममैन, स्पून, एनीमोन आदि प्रारूपों में प्रदर्शित किये गये है।
साथ हीं विभिन्न प्रकार के फल एवं सब्जियां, कलात्मक पुष्प सज्जा, मंडप, विश्वविद्यालय मुख्या द्वार का प्रारूप, पुष्पों से सुसज्जित शिवलिंग तथा रंगोली, सुकर्तन कला (टॉपियरी) बोनसाई और हरी पत्तियों के संग्रह, मालवीय जी पर आधारित वास्तुकला के नमूने, मानव, पक्षी एवं जल प्रपात आदि मुख्य रूप से आकर्षण के केंद्र बने हुए हैं।
प्रदर्शनी में गुलाब के निम्नलिखित चर्चित फूल जैसे किंग ऑफ द शो - सोलेयर क्वीन ऑफ द शो - नारंगा, प्रिंस ऑफ द शो - पीच व्हाइट, प्रिंसेस ऑफ द शो - टोपाज रहे।
प्रदर्शनी में विश्वविद्यालय के अन्य विभाग/ छात्रावास/ उद्यानों के साथ-साथ वाराणसी जनपद के विभिन्न संस्थाएं, 39 जी. टी. सी. छावनी परिषद, उप-निदेशक उद्यान वाराणसी, जिला उद्यान अधिकारी वाराणसी, आजमगढ़, गाज़ीपुर, जौनपुर, मिर्ज़ापुर, सोनभद्र, संत रविदास नगर (भदोही), चंदौली एवं मऊ, बनारस रेल इंजन कारखाना, वाराणसी, केंद्रीय कारगार, वाराणसी, पूर्वोत्तर रेलवे, वाराणसी, जिला कारागार, वाराणसी, धीरेन्द्र कन्या महाविद्यालय, विन्ध्य गुरुकुल कॉलेज, मिर्ज़ापुर, स्थानीय नर्सरी, होटल तथा नागरिकों द्वारा प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी भाग लिया गया।
इस प्रदर्शनी की मुख्य विशेषता आर्गेनिक रूप से गमलों मे उगायी सब्जियां, औषधीय पौधें व मसाले इत्यादि रहें। इसके अलावा महाकुम्भ 2025 को देखते हुए विद्या की राजधानी में ज्ञान, ध्यान, अध्यात्म द्वारा जनमानस को प्रभावित करने का सरल प्रयास उद्यान विशेषज्ञ इकाई द्वारा किया गया। जिसमें फूलों द्वारा सुसज्जित बाबा विश्वनाथ शिवलिंग, प्राकृतिक मालवीय उद्यान, बोतल गार्डेन आकर्षण के मुख्य केन्द्र बिन्दु रहें । भारी उत्साह को देखते हुए जन साधारण की गणना के लिए इत्र से सुगन्धित स्वागत कार्ड सभी आगन्तुकों का वितरित किया गया जिसमें केवल दो घण्टे के दौरान दस हजार नौ सौ लोगों के द्वारा प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया तथा विभिन्न रंगो के फूलों की कृति को उत्साहपूर्वक सराहना की।
दर्शकों द्वारा प्रदर्शनी के क्रमबद्ध अवलोकन हेतु मुख्य आरक्षाधिकारी के सुरक्षा सहायकों ने भरपूर कोशिश की जिसमें सफलता भी प्राप्त कियें । विश्वविद्यालय परिसर के सफाई एवं सहायक सेवा इकाई द्वारा मालवीय भवन परिसर में साफ-सफाई की पूर्ण व्यवस्था की गयी थी। पुष्प प्रदर्शनी में कुल 786 प्रतिभागियों ने भाग लिया जो कि विभिन्न समूहों में लगभग 7452 प्रदर्शों को प्रदर्शित किया गया जोकि गत वर्ष से अधिक है। प्रदर्शनी 27 दिसंबर के सायंकाल 6:00 बजे तक खुली रहेगी।
