इंजीनियर्स डे पर हुईं तकनीकी कार्यशालाएं, छात्रों को मिला एआई और डेटा एनालिटिक्स का व्यावहारिक ज्ञान

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में 29वें दीक्षांत समारोह से पूर्व दीक्षोत्सव के अंतर्गत इंजीनियरिंग संकाय द्वारा तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दो महत्वपूर्ण आयोजनों का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।
इस अवसर पर आई ट्रिपल ई स्टूडेंट ब्रांच के तत्वावधान में एक दिवसीय कार्यशाला "डेटा एनालिटिक्स और एआई विद मैटलैब" आयोजित की गई, जिसका उद्घाटन प्रोफेसर संतोष कुमार द्वारा किया गया। कार्यशाला में कंप्यूटर साइंस, डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे विषयों पर विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए और छात्रों को मैटलैब सॉफ्टवेयर की उपयोगिता से अवगत कराया।
मैथवर्क्स से आए श्री अरमान अंसारी ने मैटलैब में डेटा एनालिटिक्स और एआई के प्रयोग पर व्याख्यान दिया और छात्रों को हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग प्रदान की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रो. संदीप सिंह ने कहा कि छात्रों को सिर्फ शैक्षणिक ज्ञान ही नहीं बल्कि उद्योग की मांग के अनुरूप तकनीकी दक्षता भी विकसित करनी चाहिए। वहीं, प्रो. रविप्रकाश ने एआई और डेटा एनालिटिक्स के बढ़ते प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इन क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं।
प्रो. रजनीश भास्कर ने मैटलैब सॉफ्टवेयर के अनुप्रयोगों की तकनीकी जानकारी दी और डॉ. विक्रांत भटेजा ने कार्यशाला के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह आयोजन छात्रों को नवीनतम तकनीकों से परिचित कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आई ट्रिपल ई ब्रांच काउंसलर डॉ. दिव्येंदु मिश्र ने बताया कि कार्यशाला के माध्यम से छात्रों को व्यावसायिक टूल्स के प्रयोग की व्यावहारिक जानकारी दी गई।
इसी क्रम में भारत रत्न सर एम. विश्वेश्वरैया की जयंती पर विश्वविद्यालय में इंजीनियर्स डे का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सर एम. विश्वेश्वरैया की प्रतिमा पर माल्यार्पण और श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई। इस अवसर पर प्रो. संतोष कुमार ने उनके जीवन और योगदान पर प्रकाश डालते हुए बताया कि वे बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई प्रणाली और जल संसाधन प्रबंधन के विशेषज्ञ थे और आधुनिक भारत के निर्माण में उनकी भूमिका अविस्मरणीय रही है।
प्रो. रविप्रकाश ने कहा कि सर एम. विश्वेश्वरैया का जीवन हर इंजीनियर के लिए प्रेरणा है और हमें उनके सिद्धांतों का अनुसरण करना चाहिए। डॉ. विक्रांत भटेजा ने इंजीनियरों की राष्ट्र निर्माण में भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि इंजीनियर ही किसी देश की आधारभूत संरचना को गढ़ते हैं। कार्यक्रम में डॉ. दिव्येंदु मिश्र, श्री दिलीप यादव, श्री मनोज यादव, श्री अशोक यादव, श्री रितेश श्रीवास्तव सहित बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित रहे।