शिक्षा वह शेरनी का दूध है जो पियेगा वहीं दहाड़ेगा --डॉ सुनील कुमार
देश के विकास के लिए सबसे जरूरी है शिक्षाः डॉ. विनोद सिंह जौनपुर।वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर स्थित अंबेडकर प्रतिमा स्थल पर शनिवार को बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का परिनिर्वाण दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों से जुड़े शिक्षक विद्यार्थी, कर्मचारी उपस्थित थे।
मुख्य अतिथि परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने कहा कि बाबा साहब ने हमारे संविधान में न केवल अधिकारों को समाहित किया है, बल्कि कर्तव्यों का भी उल्लेख किया है। हमारा संविधान विश्व के सबसे सुंदर और प्रभावी दस्तावेजों में से एक है। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बाबा साहब को श्रद्धांजलि तभी दी जा सकती है जब विद्यार्थी शिक्षित बनेंगे और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होंगे, तभी सही मायने में देश का विकास संभव हो सकेगा।
विधि विभाग के निदेशक डॉ. विनोद कुमार ने कहा कि बाबा साहब ने सामाजिक न्याय और समानता के लिए जो संघर्ष किया, वह आज भी सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनका जीवन हमें अपने अधिकारों के साथ-साथ समाज के प्रति अपने दायित्वों को समझने और निभाने का संदेश देता है।
जनसंचार विभाग के डॉ. सुनील कुमार ने कहा कि मीडिया की भूमिका लोकतंत्र में बेहद महत्वपूर्ण है। बाबा साहब के आदर्शों को सतत् जन-जन तक पहुँचाना जनसंचार का परम कर्तव्य है। हमें उनकी सोच को समकालीन संदर्भ में प्रस्तुत करना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि शिक्षा वह शेरनी का दूध है जो पियेगा वहीं दहाडेगा।
रज्जू भैया संस्थान के डॉक्टर नितेश जायसवाल ने अपनी बात रखते हुए कहा कि आज के युवाओं को बाबा साहब के सिद्धांतों को अपनाकर जीवन में न्याय, समानता और स्वाभिमान के मार्ग पर चलना चाहिए। यह दिवस हमें उनके संघर्षों को स्मरण करा कर जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का अवसर देता है।
विधि विभाग के डॉ. अनुराग मिश्रा ने कहा कि संविधान के माध्यम से लोकतंत्र के अंतिम नागरिक तक न्याय पहुंचाना बाबा साहब की सबसे बड़ी उपलब्धि है। हमें इसका सम्मान करते हुए संविधान की भावना को स्थापित करना चाहिए।
फार्मेसी विभाग के डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों ही व्यक्ति के संपूर्ण विकास के लिए आवश्यक स्तंभ हैं। बाबा साहब के आदर्शों को अपनाकर हम हर क्षेत्र में समानता और न्याय सुनिश्चित कर सकते हैं। विश्वविद्यालय के इस आयोजन में उपस्थित सभी ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के आदर्शों और शिक्षाओं का अंगीकार करने तथा उनके सपनों को साकार करने का संकल्प लिया।
विधि विभाग के डॉ. मंगला प्रसाद ने कहा कि अंबेडकर जी का स्पष्ट मानना था कि किसी भी राष्ट्र की प्रगति उसके नागरिकों की शिक्षा, समान अधिकार और आपसी भाईचारे पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा था—“शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो।” यह संदेश आज पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक है।
डॉ. राजित राम सोनकर ने कहा कि हम सभी का दायित्व है कि उनके सिद्धांतों को केवल स्मरण ही न करें, बल्कि अपने व्यवहार और कार्यों में उतारें। समाज में सौहार्द, संवेदनशीलता, और मानवता की भावना को मजबूत करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
इस अवसर पर विद्यार्थियों ने अक्षय प्रताप, अंकुल सोनकर, गौरव कुंद्रा ने परीक्षा नियंत्रक को बाबा साहेब का चित्र भेंट किया। संचालन गौरव कुंद्रा और धन्यवाद ज्ञापन अजीत राव ने किया। समारोह के बाद परीक्षा नियंत्रक और शिक्षकों ने अंबेडकर प्रतिमा परिसर में पौधरोपण किया।
समारोह में प्रो. रजनीश भास्कर, डॉ. प्रमोद यादव, डॉ. मनोज पांडेय, डा. दिनेश सिंह, श्रीप्रकाश यादव, जीशान अली, अंकित कुमार, राहुल राय, करूणा निराला, मोनू कुमार, दीपू गौतम, वीरू गौतम ,शिवम् कुमार, शुभम गौतम , मूल चंद गौतम, शिवांगी गौतम, नीतिश कुमार, बबिता कुमारी आदि लोग उपस्थित थे।
