खनिज संसाधनों की पारदर्शी उपलब्धता और संरक्षण प्राथमिकता

खनिज संसाधनों की पारदर्शी उपलब्धता और संरक्षण प्राथमिकता

खनिज संसाधनों की पारदर्शी उपलब्धता और संरक्षण प्राथमिकता - माला श्रीवास्तव

लखनऊ। सचिव/ निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग, उत्तर प्रदेश शासन, माला श्रीवास्तव की अध्यक्षता में खनन निदेशालय मे खनिज बाहुल्य जनपदों के खनन अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। बैठक का उद्देश्य जनसामान्य एवं विकास कार्यों हेतु उपखनिजों की सुगम, सरल और निर्बाध आपूर्ति के साथ-साथ अवैध खनन, परिवहन एवं भण्डारण पर प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित करना था।

सचिव ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी भण्डारण स्थलों एवं पट्टों से उपखनिजों की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि उपभोक्ताओं को उचित दरों पर उपखनिज सरलता से प्राप्त हो, जिससे विकास कार्यों में कोई बाधा उत्पन्न न हो। श्रीमती श्रीवास्तव ने ओवरलोडिंग को खनिज नीति के विरुद्ध बताते हुए निर्देशित किया कि इसका नियंत्रण 'सोर्स पॉइंट' (उत्पत्ति स्थल) से ही किया जाए।ओवरलोडिंग में संलिप्त वाहन व परिवहनकर्ताओं के विरुद्ध दण्डात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।अधिकारियों से यह भी अपेक्षा की गई कि वे लगातार निरीक्षण करते रहें और मौके पर सख्त कार्रवाई करें।

खनन गतिविधियों की निगरानी के लिए ड्रोन तकनीक के उपयोग पर विशेष बल देते हुए उन्होने निर्देशित किया कि ड्रोन के माध्यम से संवेदनशील क्षेत्रों की नियमित निगरानी की जाए।किसी भी प्रकार के अवैध खनन को प्रारंभिक स्तर पर ही रोका जाए।इस तकनीकी हस्तक्षेप से पारदर्शिता और नियंत्रण क्षमता में वृद्धि होगी।

उन्होंने बैठक में अवगत कराया कि खनिज परिवहनकर्ताओं की समस्याओं के त्वरित समाधान हेतु उन्हें सूचीबद्ध एवं पंजीकृत किया जा रहा है। इससे न केवल व्यवस्थित खनिज परिवहन सुनिश्चित होगा, बल्कि अनधिकृत गतिविधियों पर भी नियंत्रण लगेगा। उन्होंने माह जुलाई 2025 के लिए निर्धारित राजस्व लक्ष्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी जनपदीय अधिकारी शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति हेतु नियोजित रणनीति अपनाएं।लापरवाही अथवा लक्ष्य से पीछे रहने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।

बैठक में माला श्रीवास्तव ने स्पष्ट कहा कि शासन की "जीरो टॉलरेंस" नीति के अंतर्गत

अवैध खनन, अवैध परिवहन एवं अवैध भण्डारण किसी भी दशा में स्वीकार्य नहीं होगा।

इस प्रकार की गतिविधियों में संलिप्त व्यक्तियों / संस्थाओं के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

 समीक्षा बैठक में अरुण कुमार, विशेष सचिव, भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग,

 सहित, अपर निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग नवीन कुमार दास, मुख्यालय के प्रमुख अधिकारी मौजूद रहे और खनिज बाहुल्य जनपदों के प्रभारी अधिकारी (खनन)

खान अधिकारी,समस्त क्षेत्रीय अधिकारी वर्चुवल रूप से जुड़े रहे और अपने-अपने जनपद की स्थिति से सचिव को अवगत कराया।